रविवार, 31 मई 2020

इंसानियत - प्रीती



बेबसी  लाचारी  सी  हो गई
इंसान है इंसानियत खो गई


 किसी के गम से फर्क नहीं
आत्मा  सब  की सो  गई
बेबसी  लाचारी  सी  हो गई
इंसान है इंसानियत खो गई


दुःख सब का अपना अपना
तन्हा मातम में लाचार सो गई
बेबसी  लाचारी  सी  हो गई
इंसान है इंसानियत खो गई



कितने   लोगों   के  सामने
आँखें कितनी आज रो गई
बेबसी  लाचारी  सी  हो गई
इंसान है इंसानियत खो गई



सब को अपनी अपनी फिक्र
रास्ते में कई आँखें बंद हो गई
बेबसी  लाचारी  सी  हो गई
इंसान है इंसानियत खो गई



# Human's # Tears # Eye's




INSANIAT


Bebsi Lachari  Si Ho Gyi
Insan Hai Insaniat Kho Gyi



Kisi Ke Gum Se Frak Nhi
Aatma  Sab  Ki  So  Gyi
Bebsi Lachari  Si Ho Gyi
Insan Hai Insaniat Kho Gyi



Dukh Sab Ka Apna Apna
Tnha Matam Me Lachar So Gyi
Bebsi Lachari  Si Ho Gyi
Insan Hai Insaniat Kho Gyi



Kitne Logo Ke Samne
Aankhe Kitni Aaj Ro Gyi
Bebsi Lachari  Si Ho Gyi
Insan Hai Insaniat Kho Gyi



Sab Ko Apni Apni Fikar
Raste Mai Kyi Ankhe Bnd Ho Gyi
Bebsi Lachari  Si Ho Gyi
Insan Hai Insaniat Kho Gyi



#Human's # Tears # Eye's 


शनिवार, 30 मई 2020

सवार दिया ( कविता ) प्रीती






मेरे  दिल  में  जितना  प्यार  था
सब  तुझ  पर  वार  दिया हमदम
पहले  अकेले  अकेले  फिरते  थे
तेरे प्यार ने हमें सवार दिया हमदम 



कुछ ना हो पर तेरा साथ काफी है
सारा जीवन तुझपे वार दिया हमदम
पहले  अकेले  अकेले   फिरते  थे
तेरे प्यार ने हमें सवार दिया हमदम 



कुछ  दर्द  जरूर  प्यार  में  होता है
तेरे प्यार से सारा दुःख हार दिया हमदम
पहले   अकेले   अकेले   फिरते  थे
तेरे  प्यार  ने  हमें  सवार  दिया  हमदम 



तेरे आलावा किसी चीज़ का मोह नहीं
तुने  जो  इतना  प्यार  दिया  हमदम
पहले  अकेले  अकेले   फिरते  थे
तेरे प्यार ने हमें सवार दिया हमदम 



खुदा का शुक्रिया जो ऐसा दिलदार दिया
सबसे अच्छा घर परिवार दिया हमदम
 पहले  अकेले  अकेले  फिरते  थे
तेरे  प्यार  ने  हमें  सवार  दिया हमदम



# Love # Life


Swaar Diya ( Poem ) Preeti 


Mere Dil Mai Jitna Pyar
 Tha
Sab Tujh Pe Bar Diya
Humdum
Pehle Akele Akele Firte
The
Tere Pyar ne Hume Swaar
 Diya Humdum



Kush Na Ho Prr Tera Sath
Kafi  Hai
Sara Jiwan Tujhpe Bar Diya
Humdum
Pehle Akele Akele Firte
The
Tere Pyar ne Hume Swaar
 Diya Humdum



Kush Dard Jror Pyar Mai
Hota Hai
Tere Pyar Se Sara Dukh Har
Diya Humdum
Pehle Akele Akele Firte
The
Tere Pyar ne Hume Swaar
 Diya Humdum



Tere Ilawa Kisi Chez Ka
Moh Nhi
Tune Jo Itna Pyar Diya
Humdum
Pehle Akele Akele Firte
 The
Tere Pyar ne Hume Swaar
 Diya Humdum



Khuda Ka Shukriya Jo Aisa
Dildar Diya
Sab Se Asha Ghr Privar
 Diya Humdum
Pehle Akele Akele Firte
The
Tere Pyar ne Hume Swaar
 Diya Humdum 



# Love # Life 


शुक्रवार, 29 मई 2020

पिता ( ग़ज़ल ) प्रीती




अपना दर्द भूल कर सब का दर्द मिटाया है
इक  पिता  ने  पूरा  घर  अकेले  चलाया है


सारा दिन काम करे बच्चों की खुशी के लिए
खुद नंगे पांव  बच्चों को कंधों पर उठाया है
इक   पिता  ने  पूरा  घर  अकेले  चलाया  है


बच्चों पर जान वार दे अपना जीवन गवाया है
खुद भले ही ना पढ़ सका बच्चों को पढ़ाया है
इक   पिता  ने  पूरा  घर  अकेले  चलाया   है


बुढ़ापे में  बच्चों ने  पिता का कर्ज भुलाया है
आप आराम से बैठा नहीं बच्चों को बैठाया है
इक   पिता  ने  पूरा  घर  अकेले   चलाया  है


सुबह  होने  से  पहले  काम  पर  निकल  जाए
बच्चों के   लिए अपनी जरूरतों को मिटाया है
इक   पिता  ने  पूरा  घर  अकेले  चलाया   है


#  Father ❤



Pita ( Ghazal ) Preeti 



Apna Dard Bhol Kr Sab Ka Dard 
Mitaya Hai 
Ek Pita Ne Pura Ghr Akele 
Chlaya Hai 



Sara Din Kam Kre Bcho Ki 
Khushi Ke Liye
Khud Nge Pao Bcho Ko Kndho Prr
 Uthaya Hai 
Ek Pita Ne Pura Ghr Akele 
Chlaya Hai 



Bcho Prr Jan Bar De Apna Jivan 
Gvaya Hai
Khud Bhle Hi Na Pdh Ska Bcho Ko 
Pdhaya Hai 
Ek Pita Ne Pura Ghr Akele 
Chlaya Hai 



Budape Mai bcho ne Pita Ka
 Karj Bulaya Hai 
Aap Aram Se Betha Nhi Bcho Ko 
Btahya Hai 
Ek Pita Ne Pura Ghr Akele 
Chlaya Hai 



Subhe Hone Se Pihle Kam Prr
Nikl Jaye 
Bcho Ke Liye Apni Jrorto Ko
Mitaya Hai 
Ek Pita Ne Pura Ghr Akele 
Chlaya Hai 



# Father  ❤

गुरुवार, 28 मई 2020

चल आज फिर ( ग़ज़ल ) प्रीती




चल आज फिर इक वादा करें एक वादा निभाने का
रूठ जाए गर कहीं दोनों तो इक दूसरे को मनाने का



मन को  समझाती  तो हूं  पर समझ कहाँ ये पाता है
रोज मन उदास हो जाता रहता इंतजार तेरे आने का
चल आज फिर इक वादा करें एक वादा निभाने का



कहते तो हो हर वार तुम की आऊंगा जब कहोगी
आ जाओ मिलने छोड़ दो काम ये रोज तड़पाने का
चल आज फिर इक वादा करें एक वादा निभाने का 



 रोज रोज इक बात कह मुझे भी अजीब लगने लगा
मिलकर फिर से करों सनम इजहार  प्यार जताने का
चल आज फिर इक वादा करें एक वादा निभाने का



मान  जाओ अब  बात  यूं ना  दिल को सताया  करो
जुदाई में अपनी हमें और ना काम करो रूलाने का
चल आज फिर इक वादा करें एक वादा निभाने का



खुश  होती  हूँ उससे  बात  करके  ये वो जानता है
उसका प्यार काम करता है इक सुरमई तराने का
चल आज फिर इक वादा करें एक वादा निभाने का


# Promise



Chal Aaj Fir ( Ghzal ) Preeti 



Chal  Aaj Fir Ek Vada Kre Ek Vada
Nibhane Ka
Roth Jaye Gar Kahii Dono To Ek
 Dusre Ko Mnane Ka



Mnn Ko Smjhati To Hu Prr Smajh
Kaha  Yeh Pata Hai
Roj Mnn Udas Ho Jata Rehta
 Intzar Tere Aane Ka
Chal  Aaj Fir Ek Vada Kre Ek Vada
 Nibhane Ka



Kehte To Ho Her Bar Tum Kii
Aaunga jab kahogi
Aa Jao Milne Shod Do  Kam
Yeh Roj Tdpane Ka
 Chal  Aaj Fir Ek Vada Kre Ek
 Vada Nibhane Ka



Roj Roj Ek Bat Keh Mujhe Bhi
 Ajeab Lgne Lga
Milker Fir Se Kro Snam Ijhaar
Pyar Jtane Ka
Chal  Aaj Fir Ek Vada Kre Ek Vada
 Nibhane Ka



Man Jao Aab Bat Ju Na Dil Ko
 Staya Kro
Judayi Mai Apni Hume Or Na
 Kam Kro Rulane Ka
Chal  Aaj Fir Ek Vada Kre Ek Vada
 Nibhane Ka



Kush Hoti Hu osse Bat Krke
 Yeh Woh Janta Hai
Uska Pyar Kam Krta Hai Ek
 Surmyi Trane Ka
Chal Aaj Fir Ek Vada Kre Ek Vada
 Nibhane Ka



# Promise 

बुधवार, 27 मई 2020

आज कल ( ग़ज़ल ) प्रीती









आज कल वो पहले जैसे प्यार नही जताता
रुठ जाउँ गर कहीं  तो मुझे अब नहीं मनाता


मानती हूँ की बहुत ज्यादा व्यस्त हो गया है
पर मेरे लिए अपनी फिक्र क्यों नहीं दिखाता 
आज कल वो पहले जैसे प्यार नही जताता 


बात ना करने के कारण है उसके पास कई 
बात करने का इक कारण क्यो नही ढूंढ पाता
आज कल वो पहले जैसे प्यार नही जताता 


इस बात पर गुस्सा करूँ ये भी तो ठीक नहीं 
माँग कर किसी से प्यार थोड़े लिया है जाता 
आज कल वो पहले जैसे प्यार नही जताता 


गलती उसकी भी नहीं कोई उमीद ही मेरी है
जरूरी नहीं प्यार के बदले हर कोई प्यार पाता 
आज कल वो पहले जैसे प्यार नही जताता


# love

मंगलवार, 26 मई 2020

उदास ( ग़ज़ल ) प्रीती





तुम क्यों नहीं हो पास दिल है बड़ा उदास
आओगे जब तुम तब जिंदगी होगी बिंदास


मन  ना  लगे  अब  किसी  भी  चीज़ में
 लगता की जिंदगी भी कर रही परिहास
तुम क्यों नहीं हो पास दिल है बड़ा उदास


रोती जब आँखें तब सब पूछते सवाल
जल्दी आना कहीं रुक ना जाए ये सांस
तुम क्यों नहीं हो पास दिल है बड़ा उदास


तुम कहते की कर लों अभी थोड़ा इंतज़ार
कहीं खत्म ना हो जाए मिलने की ये आस
तुम क्यों नहीं हो पास दिल है बड़ा उदास



दिल भी चाहें जानना कब होगी मुलाकात
तुम आओगे  ये  टूट ना जाए मेरा विश्वास
तुम क्यों नहीं हो पास दिल है बड़ा उदास


# True #Feelings


Udas ( Ghzal ) Preeti 


Tum Kyu Nhi Ho Pass Dil Hai
Vda Udass
Aaoge Jab Tum To zindgi
 Hogi Bindas


Mnn Na Lge Aab Kisi Bhi
 Chez Mai
Lgta Ki Zindgi Bhi Kr Rhi
 Hai Parihas
Tum Kyu Nhi Ho Pass Dil Hai
Vda Udass


Roti Jab Ankhe Tab Sab
 Pushte Swal
Jldi Aana Khii Ruk Na Jaye
Yeh Sans
Tum Kyu Nhi Ho Pass Dil Hai
Vda Udass


Tum Kehte Kii Kr Lo Abhi
Thoda Intzar
Khii Khtam Na Ho Jaye Milne
Kii Yeh Aass
Tum Kyu Nhi Ho Pass Dil Hai
Vda Udass


Dil Bhi Chahe Janna Kab
 Hogi Mulaqat
Tum Aaoge Yeh Tut Na Jaye
Mera Vishvash
Tum Kyu Nhi Ho Pass Dil Hai
Vda Udass


# True # Feelings

सोमवार, 25 मई 2020

मलाल ( ग़ज़ल ) प्रीती






खामोश है लब पर आँखों में सवाल है
आज कल सब के दिलों में  मलाल है


कोई  रोता किसी  का दुख देख कर
किसी को खुद का ही बस ख्याल है
खामोश है लब पर आँखों में सवाल है
आज कल सब के दिलों में मलाल है


उलझा है कोई  किसी के ख्यालों में
मुहब्बत का  लगा किसी पर गुलाल है
खामोश है लब  पर आँखों में सवाल है
आज कल सब के दिलों में मलाल है


तकती है राहें  आँखें जिसकी रात दिन
लगता अभी दूर कहीं वो फिलहाल है
खामोश है लब पर आँखों में सवाल है
आज कल सब के दिलों में मलाल है



कसमें खा कर भी तोड़ जाता कोई वादे
किसी ने वादे निभाने में बनाई मिसाल है
खामोश है लब पर आँखों में सवाल है
आज कल सब के दिलों में मलाल है



कई  अपने  ही देते  अपनो को धोखे
कई  पराये  भी बड़े  नमकहलाल हैं
खामोश है लब पर आँखों में सवाल है
आज कल सब के दिलों में मलाल है

मलाल शब्द अर्थ ( पश्चाताप)


# Love # Promise # Regret



Malaal  ( Ghzal)  Preeti 


khamosh Hai Lbh Prr Ankho
Mai Swal Hai
Aaj Kal Sab Ke Dilo Mai
 Malaal Hai



Koi Rota Kisi Ka Dukh
 Dekh Krr
Kisi Ko Khud Ka Hi Bus
Khyal Hai
khamosh Hai Lbh Prr Ankho
Mai Swal Hai
Aaj Kal Sab Ke Dilo Mai
Malaal Hai




Uljha Hai Koi Kisi Ke
 Khyalo Mai
Mahobat Ka Lga Kisi Prr
Gulaal Hai
 khamosh Hai Lbh Prr Ankho
Mai Swal Hai
Aaj Kal Sab Ke Dilo Mai
 Malaal Hai



Takti Hai Rahe Aankhe Jiski
 Rat din
Lgta Abhi Door Kahii Woh
Filhal Hai
khamosh Hai Lbh Prr Ankho
Mai Swal Hai
Aaj Kal Sab Ke Dilo Mai
 Malaal Hai



Kasme Kha Krr Bhi Todh
 Jata Koi Vade
Kisi Ne Vade Nibhane Mai
Bnayi Misaal Hai
khamosh Hai Lbh Prr Ankho
Mai Swal Hai
Aaj Kal Sab Ke Dilo Mai
 Malaal Hai



Kyi Apne Hi Dete Apno
 Ko Dokhe
Kyi Praye Bhi Vde Namkhlaal
Hai
khamosh Hai Lbh Prr Ankho
Mai Swal Hai
Aaj Kal Sab Ke Dilo Mai
 Malaal Hai


# Love # Promise # Regret

रविवार, 24 मई 2020

भाई ( कविता ) प्रीती





भाई  बहन   का   रिश्ता    बड़ा   होता  है  खास
इक   को  दुःख  हो  तो  दोनों   होते   उदास



सुख-दुःख   में   देते   इक   दूसरे   का  साथ
दूर  हो    भला   पर   दिल   से  होते  पास 
भाई   बहन  का   रिश्ता   बड़ा   होता  है  खास
इक   को   दुख   हो   तो   दोनों   होते   उदास



कभी   लड़ते   तो   कभी   दोनों    रूठ   जाते
बहन   को   होता   भाई   के   दुःख   का  अहसास
भाई    बहन    का  रिश्ता   बड़ा  होता  है  खास
इक   को    दुःख    हो    तो   दोनों    होते   उदास



गुस्से   में   कहता   माँ   कब   जाएगी   ये   ससुराल
छुपकर   कहता   इस   बिन   घर   ना   आएगा   रास
भाई    बहन    का    रिश्ता    बडा   होता   है    खास
इक    को    दुःख    हो    तो  दोनों    होते    उदास



अगर    कही   दुःख   मिले    बहन   को   ससुराल
तो    सबसे    लड़   जाता   चाहे   कितना   हो   पास
भाई    बहन    का   रिश्ता    बड़ा   होता   है   खास
इक   को    दुःख   हो    तो    दोनों    होते   उदास



# Happy #Brothers #Day


 BHAI (Poem ) Preeti 



Bhai   Bhen   Ka  Rishta  Vda
Hota  Khas
Ek  Ko  Dukh  Ho  To  Dono
Hote  Udas



Sukh  Dukh  Mai  Dete  Ek
Dusre  Ka  Sath
Door  Ho  Bhla  Prr  Dil  Se
Hote  Pass
Bhai  Bhen  Ka  Rishta   Vda
Hota  Khas
Ek  Ko  Dukh   Ho  To   Dono
 Hote   Udas



Kabhi   Ldate   To   Kabhi  Dono
Roth  Jate
Bhen   Ko   Hota   Bhai   K   Dukh
Ka   Ehsas
Bhai   Bhen   Ka   Rishta    Vda
 Hota   Khas
Ek   Ko   Dukh   Ho   To   Dono
Hote   Udas



Guse   Mai   Kehta   Ma   Kab
Jayegi   Yeh    Sasura
Shupker   Kehta   Es   Bin   Ghar
Na   Ayega   Rass
Bhai   Bhen   Ka   Rishta   Vda
Hota   Khas
Ek   Ko   Dukh   Ho   To   Dono
Hote   Udas



Agar    Khii   Dukh   Mile   Bhen
Ko   Sasural
To   Sab   Se   ladh   Jata   Chahe
Kitna   Ho   Pass
Bhai    Bhen   Ka   Rishta   Vda
Hota   Khas
Ek    Ko   Dukh   Ho   To   Dono
Hote   Udas



#Happy #Brothers #Day

शनिवार, 23 मई 2020

मजबूरी ( कविता ) प्रीती





कल को खाने के लिए नहीं है घर में आटा 
सब कुछ खतम हुआ जो था उन्होंने  बांटा


मांग कर खाने की हुई आज हमारी मजबूरी
जान  तो  बच  गयी  पर पड़  रहा के  है घाटा
कल को खाने के लिए नहीं है घर में आटा 
सब कुछ खतम हुआ जो था उन्होंने  बांटा


कम खाते जैसा भी खाते अच्छा लगता था
अब  लगता धीरे-धीरे जैसे  छा रहा है सनाटा
कल को खाने के लिए नहीं है घर में आटा
सब कुछ खतम हुआ जो था उन्होंने  बांटा


बिन सोचें समझे दुर सफर पर निकल गए
रासते के भरे पत्थरों ने पैरों को बडा कांटा
कल को खाने के लिए नहीं है घर में आटा
सब कुछ खतम हुआ जो था उन्होंने  बांटा


रोती आँखों के आँसु भी कब तक छिपाए
भुख से रोते बच्चों को माँ ने प्यार से डांटा
कल को खाने के लिए नहीं है घर में आटा
सब कुछ खतम हुआ जो था उन्होंने  बांटा

# Sad # Heart❤ # Feelings



MAJBURI ( Poem ) Preeti 


Kal Ko Khane Ke Liye Nhi
Hai Ghr Mai Aata
Sab Kush Khatam Hua Jo
 Tha Unhone Vanta


Mang Kr Khane Ki Aaj Hui
Hmari Majburi
Jan To Bch Gyi Prr Pdh Rha
hai Ghata
Kal Ko Khane Ke Liye Nhi
Hai Ghr Mai Aata
Sab Kush Khatam Hua Jo
 Tha Unhone Vanta


Kumm Khate Jaisa Bhi Khate
Acha Lgta Tha
Aab Lgta Dheere Dheere  Jaise
Sha Rha Sanata
Kal Ko Khane Ke Liye Nhi
Hai Ghr Mai Aata
Sab Kush Khatam Hua Jo
 Tha Unhone Vanta



Bin Soche Samjhe Door Safar
Prr Nikal Gye
Raste Ke Bhre Pathro Ne Pairo
Ko Bda Kataa
Kal Ko Khane Ke Liye Nhi
Hai Ghr Mai Aata
Sab Kush Khatam Hua Jo
 Tha Unhone Vanta


Rotii Ankho Ke Ansu Bhi  Kab
Tkk Shipaye
Bhukh Se Rote Bcho Ko Ma Ne
Pyar Se Danta
Kal Ko Khane Ke Liye Nhi
Hai Ghr Mai Ataa
Sab Kush Khatam Hua Jo
 Tha Unhone Vanta

# Sad # Heart ❤# Feelings

शुक्रवार, 22 मई 2020

अहसास ( कविता ) प्रीती





दूर होकर अपनों से अपनों का अहसास हुआ
उनके साथ बीता हर लम्हा आज खास हुआ


आ गयी जब से करोना की भयानक  महामारी
इंसान गुम था खुद से  खुद के आज पास हुआ
दूर होकर अपनों से अपनों का अहसास हुआ
उनके साथ बीता हर लम्हा  आज खास हुआ


वक़्त नहीं था जिसको पहले किसी से मिलने का
अब वक़्त मिला  तो तन्हा वो बढा उदास हुआ
दूर  होकर अपनों से अपनों का अहसास हुआ
उनके साथ बीता हर लम्हा आज  खास हुआ


हर  तरफ था  मचा  बड़ा  गरूर का शोर
कानों में प्यारी सी बांसुरी का आभास हुआ
दूर होकर अपनों से अपनों का अहसास हुआ
उनके साथ बीता हर लम्हा आज खास हुआ


हर चीज़ पर पाईं थी इंसान ने कामयाबी पर
मौत के डर से इंसान भगवान का दास हुआ
दूर होकर अपनों से अपनों का अहसास हुआ
उनके साथ बीता हर लम्हा आज खास हुआ

# Sweet # Moments


      EHSAS  (Poem) Preeti 


Door Hoker Apno Se Apno Ka
Ehsas Hua
Unke Sath Bita Hrr Lmha Aaj
Khas Hua


Aa Gyi Jab Se Carona Ki Byaank
 Mahamari
Insan Gum Tha Khud Se Khud K
 Aaj Pass Hua
Door Hoker Apno Se Apno Ka
Ehsas Hua
Unke Sath Bita Hrr Lmha Aaj
Khas Hua



Vakaat Nhi Tha Jisko Pihle Kisi Se
Milne Ka
Aab Vakat Mila To Tnha Woh Vda
Udass Hua
Door Hoker Apno Se Apno Ka
Ehsas Hua
Unke Sath Bita Hrr Lmha Aaj
Khas Hua


Hrr  Traf Tha Mcha Vda Grurar
Ka Shor
Kano Mai Pyari C Bansuri Ka
 Abhass hua
Door Hoker Apno Se Apno Ka
Ehsas Hua
Unke Sath Bita Hrr Lmha Aaj
Khas Hua



Hrr Chez Prr Payi Thi Insan Ne
 Kamjabi Prr
Mot K Drr Se Insan Bghwan Ka
 Das Hua
Door Hoker Apno Se Apno Ka
Ehsas Hua
Unke Sath Bita Hrr Lmha Aaj
Khas Hua


#  Sweet # Moments 

गुरुवार, 21 मई 2020

वादा ( कविता ) प्रीती




कोई वादे नहीं चाहिए तुमसे वादे टूट जाते है
मिले थे हंसके जो  जाते समय रूठ जाते है


किसी चाहत के बिना तुझे चाहना चाहते है
जब उम्मीद करने लगो तो रिश्ते छूट जाते है
कोई वादे नहीं चाहिए तुमसे वादे टूट जाते है
मिले थे हंसके जो जाते समय रूठ जाते है


अक्सर करते है सब प्यार निभाने की बात
जब  मौका  आए  तो  साथ  छोड़ जाते है 
कोई वादे नहीं चाहिए तुमसे वादे टूट जाते है
मिले थे हंसके जो जाते समय रूठ जाते है


दिखाते है जो अपनी अमीरी का दिखावा
अंहकार से भरे वो लोग इक दिन टूट जाते है
कोई वादे नहीं चाहिए तुमसे वादे टूट  जाते
मिले थे हंस के जो  जाते समय रूठ जाते है


सुबह  शाम  करते है  जो  बातें वो ढेर सारी
अपनी प्यारी प्यारी बातों से दिल लूट जाते है
कोई वादे नहीं चाहिए तुमसे वादे टूट जाते है
मिले थे हंसके जो जाते समय रूठ जाते है


# Keep  # Promise


VADA  ( Poem ) Preeti

Koi Vade Nhi chahiye Tumse
Vade Tut Jate Hai
Mile The Has K Jo Jate Sme
 Roth Jate Hai


Kisi Chahat K Bina Chahna
Chahte Hai Tujhe
Jab Umead Karne Lago To
 Rishte Shut  Jate Hai
Koi Vade Nhi chahiye Tumse
Vade Tut Jate Hai
Mile The Has K Jo Jate Sme
 Roth Jate Hai


Aksar Karte Hai Sab Pyar Nibhane
Ki Bat
Jab  Moka Aye  To Sath  Shod
 Jate Hai
Koi Vade Nhi chahiye Tumse Vade
 Tut Jate Hai
Mile The Has K Jo Jate Sme Roth
 Jate Hai


Dikhate Hai Jo Apni Amiri Ka
Dikhawa
Ehenkar Se Bhre Log Ek Din
Tut Jate Hai
Koi Vade Nhi chahiye Tumse
Vade Tut Jate Hai
Mile The Has K Jo Jate Sme Roth
Jate Hai


Subhe Sham Karte Hai Jo  Woh
 Batien Dher Sari
Apni Pyari Pyari Baton Se Dil Lut
 Jate Hai
Koi Vade Nhi chahiye Tumse Vade
 Tut Jate Hai
Mile The Has K Jo Jate Sme Roth
Jate Hai

# Keep # Promise 

बुधवार, 20 मई 2020

चाहत ( कहानी ) प्रीती


        आज उन दोनों को मिले हुए कितना समय हो गया । हाँ मुझे याद है , ना उस दिन परी जब राज से मिल कर आई थी
तो कितनी रोनक थी ना उसके चेहरे पर । सच उसे देख कर तो मुझे भी अच्छा लगा ।
कालेज में परी और राज और उनकी वो एक मुलाकात  ।
केसै दोनों घंटा घंटा बातें करते और साथ बैठे रहते । उनकी चर्चा तो पूरे कालेज में थी।

 होती भी क्यों ना भला एक दूसरे की बात बिना कहें यो समझतें थे । लेकिन जब से परी ने कालेज छोड़ा तो उनका मिलना भी बंद हो गया दोनों मिलना तो चाहते पर मिल ना पाते ।

परी राज की बातें जब भी करती तो बड़ी खुश हो जाती  । इस दूरी ने भी उनकी चाहत को कम ना किया था ।
मिलने की उम्मीद थी तभी तो चाहत दिन  प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी ।
   
 #True  #love

औरत ( कविता ) प्रीती






दो घर जोड़ने वाली खुद के सपने छोड़ने वाली 
करती काम महान फिर क्यो नहीं देते उसे मान 


हर एक का रखती बड़ा ख्याल खुद से बेख्याल
पर  आज  भी  कई  लोक  समझते उसे बेकार 
दो घर जोड़ने वाली खुद के सपने छोड़ने वाली 
करती काम महान फिर क्यों नहीं देते उसे मान 


तीखे बोल भी सहती ना किसी से कुछ कहती 
आग तो कभी तेजाब का भी  हुई वो शिकार
दो घर जोड़ने वाली खुद के सपने छोड़ने वाली 
करती काम महान फिर क्यों नहीं देते उसे मान 


मेहनत कर जब जब वो  आगे बढ़ना चाहती 
तब कई  बुरी  नजरों ने किया  उस पर  वार 
दो घर जोड़ने वाली खुद के सपने छोड़ने वाली 
करती काम महान फिर क्यो नहीं देते उसे मान 

 कब तक सहती  रहेगी  वो जुल्म  कई हजार  
चलो  करे अब हम सब  औरतों  का सत्कार 
दो घर जोड़ने वाली खुद के सपने छोड़ने वाली 
करती काम महान फिर क्यों नहीं देते उसे मान



# Respect women's #




AURAT( Poem ) Preeti 

Do Ghr Jodne Wali Khud K Sapne Shodne Wali
Krti Kam Mhaan Fiir Kyu Nhi Dete
 Use Maan


Har Ek Ka Rkhti Bda Khyal Khud
 Se Bekhyal 
Prr Aaj  Bhi  Kyi Lok  Smjhte  Use 
Bekar 
Do Ghr Jodne Wali Khud k Sapne
 Shodne Wali
Krti Kam Mahan Fiir Kyu Nhi Dete
 Use Maan



Tikhe  Bol BHI  Sehti Kisi Se  Kush 
Na Kehti 
Aaag  To  Kabhi  Tejab  Ka Hoi Woh
Shekar 
Do Ghr Jodne Wali Khud k Sapne
 Shodne Wali
Krti Kam Mahan Fiir Kyu Nhi Dete 
Use Maan


Mehnat Kr Jab Jab Woh Aage 
Bdhna Chahti
Tab  Kyi  Buri  Njro  Ne  Kiya Us  
Par Bar
Do Ghr Jodne Wali Khud K Sapne 
Shodne Wali
Krti Kam Mhaan Fiir Kyu Nhi Dete
 Use Maan


Kab Tkk Sehti Rhegi Woh Julam
 Kyi Hjaar 
Chlo Kre Aab Humm Sab Aurto Ka 
Stikar 
Do Ghr Jodne Wali Khud K Sapne
 Shodne Wali
Krti Kam Mhaan Fir Kyu Nhi 
Dete Use Maan


# Respect women's # 

मंगलवार, 19 मई 2020

भारत हमारा कहते थे (कविता) प्रीती





जिसे हमारा भारत हमारा भारत कहते थे
आज वो अलग अलग राज्यों में बंट गया 
कहीं  यूपी कहीं  बिहार तो कही बना पंजाब 
कोई हिंदु कोई जमाती इंसान भी बंट गया 


 सारा देश बना इक राजनीति का मैदान 
कोई एक  सूखी  रोटी को भी तरस गया 
कहीं यूपी कहीं बिहार तो कहीं बना पंजाब 
कोई हिंदु कोई जमाती इंसान भी बंट गया 

दिया अनाज सरकार ने वो मंडियों मे बंट गया 
घर के लिए निकले थे देश परदेशों में बंट गया 
कहीं यूपी कहीं बिहार तो कहीं बना  पंजाब 
कोई हिंदु कोई जमाती इंसान भी बंट गया 


कोई मुस्कराए कोई आँसुओं में बरस गया  
चलते चलते यूं ही हमारा परिवार बंट गया 
कहीं यूपी कहीं बिहार तो कहीं बना पंजाब 
कोई हिंदु कोई जमाती इंसान भी बंट गया 


खाई थी हमने कसमें भारत की रक्षा की 
आज खुद की रक्षा में ही ये दिल फंस गया 
कहीं यूपी कहीं बिहार तो कहीं बना पंजाब 
कोई हिंदु कोई जमाती इंसान भी बंट गया 


फिक्र खुद की जान की होती तो कोई बात नही 
बात जब परिवार पर आई तो सीना फट गया 
कहीं यूपी कहीं बिहार तो कहीं बना  पंजाब 
कोई  हिंदु  कोई  जमाती इंसान भी  बंट गया

#save life #

सोमवार, 18 मई 2020

माँ ( कविता ) प्रीती

लिखूं तो क्या लिखूं तुझपे 
तुझमें सारा संसार समाया है
खुद की खुशियाँ भुलाकर तुमने 
अपना जीवन हमपे लौटाया है 


हँसते रहे हम सदा इसलिए तुने 
हमारे लिए अपना दुःख छुपाया है
लिखूं  तो कया  लिखूं तुझपे 
तुझमें  सारा  संसार  समाया है 


तेरे प्यार पर कभी हम गुस्सा करते
तुने तो हमारी खता को भुलाया है 
लिखूं  तो  क्या  लिखूं  तुझपे 
तुझमें  सारा  संसार समाया है 


हमारे लिए सब जग से लड़ जाए
एक माँ का रिश्ता निभाया है 
लिखूं तो क्या लिखूं तुझपे 
तुझमें सारा संसार समाया है 


भूल से भी ना दे जो कभी दर्द 
तभी खुदा ने माँ को बनाया है 
 लिखूं तों क्या लिखूं तुझपे 
तुझमें सारा संसार समाया है

  • #world best mom😘


रविवार, 17 मई 2020

बेघर (कविता) प्रीती





घर से बेघर हुए थे रोजगार के लिए 
आज सड़कों पर लाचार हुए बैठें है 


बड़ी बड़ी बातें करने वाले वो नेता 
हमारी भूख के शिकार में बैठें है 
घर से बेघर हुए थे रोजगार के लिए 
आज सड़कों पर लाचार हुए बैठें है 


ना खाने को अन्न ना पीने को पानी 
हम दुखों से भरे हुए संसार में बैठे है 
घर से बेघर हुए थे रोजगार के लिए 
आज सड़कों पर लाचार हुए बैठे है


जहर तो कभी ट्रेन की लपेट में आए 
ये राजनीति खेलने वाले बहार हुए बैठे है 
घर से बेघर हुए थे रोजगार के लिए 
आज सडकों पर लाचार हुए बैठे है 


वादा कर कर आए थे खुशियाँ लाएंगे 
पर आज चिहरे पे दुख हजार ले बैठे है
घर से बेघर हुए थे रोजगार के लिए 
आज सड़कों पर लाचार हुए बैठे है  


मीलों मील चलने के लिए विवश हुए 
कंधों पर आज परिवार  लिए बैठे है 
घर से बेघर हुए थे रोजगार के लिए 
आज सड़कों पर लाचार हुए बैठे है

#helppoorpeople #corona

इम्तिहान

हमारे  इश्क  का  अब  इम्तिहान   होगा  सब  देखेंगे इश्क  कैसे  परवान  होगा कोई   दुआएं  करेगा  हमें  दूर  करने  की  किसी  के  होठो...