सोमवार, 18 मई 2020

माँ ( कविता ) प्रीती

लिखूं तो क्या लिखूं तुझपे 
तुझमें सारा संसार समाया है
खुद की खुशियाँ भुलाकर तुमने 
अपना जीवन हमपे लौटाया है 


हँसते रहे हम सदा इसलिए तुने 
हमारे लिए अपना दुःख छुपाया है
लिखूं  तो कया  लिखूं तुझपे 
तुझमें  सारा  संसार  समाया है 


तेरे प्यार पर कभी हम गुस्सा करते
तुने तो हमारी खता को भुलाया है 
लिखूं  तो  क्या  लिखूं  तुझपे 
तुझमें  सारा  संसार समाया है 


हमारे लिए सब जग से लड़ जाए
एक माँ का रिश्ता निभाया है 
लिखूं तो क्या लिखूं तुझपे 
तुझमें सारा संसार समाया है 


भूल से भी ना दे जो कभी दर्द 
तभी खुदा ने माँ को बनाया है 
 लिखूं तों क्या लिखूं तुझपे 
तुझमें सारा संसार समाया है

  • #world best mom😘


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